ओपल रत्न शुक्र ग्रह का रत्न होता है। ओपल रत्न शुक्र ग्रह का उपरत्न है। जिन लोगो की कुंडली में शुक्र ग्रह योग कारक होते है उन व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करना चाहिए। वृष, तुला, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न वालो को ओपल रत्न धारण करना चाहिए। ओपल सफेद रंग का रत्न है इसे धारण करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। आइये जानते है किस लग्न या राशि वालो को ओपल रत्न धरना चाहिए और ओपल रत्न धारण करने के फायदे।
ओपल रत्न से वृष लग्न वालो को फायदें
वृष लग्न की कुंडली में शुक्र ग्रह लग्न के मालिक होते है और छठे स्थान के मालिक होते है। लग्न से स्वास्थ्य, मान सम्मान का विचार किया जाता है और छठा स्थान रोग, ऋण, शत्रुओ का होता है इसलिए वृष लग्न में ओपल रत्न धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मान सम्मान में वृद्धि होगी। शत्रुओ से मुक्ति प्राप्त होगी। कर्ज नहीं होगा। कोई शत्रु परेशान नहीं करेगा।
ओपल रत्न से तुला लग्न वालो को फायदें
तुला लग्न की कुंडली में शुक्र लग्नेश होते है और आठवें स्थान के मालिक होते है। लग्न से स्वास्थ्य का विचार किया जाता है और आठवा स्थान गुप्त विद्या, आयु, गुप्त रोग और अचानक धन प्राप्ति का होता है इसलिए तुला लग्न में ओपल रत्न धारण करने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। शारीरिक सुंदरता में वृद्धि होगी। मान सम्मान में वृद्धि होगी। आयु अच्छी होगी। अचानक धन प्राप्त होगा। गुप्त विद्या में रूचि बढ़ेगी। गुप्त रोगो से बचाव होगा। ओपल रत्न धारण करने से गृहस्त सुख में भी वृद्धि होगी।
ओपल रत्न से मिथुन लग्न वालो को फायदें
मिथुन लग्न में शुक्र ग्रह बारहवें स्थान और पांचवे स्थान के मालिक होते है बारहवें स्थान खर्च, विदेश यात्रा का होता है और नींद का होता है और पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग और लव अफेयर का होता है इसलिए मिथुन लग्न में ओपल रत्न धारण करने से विदेश यात्रा के योग बनते है। खर्च पर नियंत्रण होता है व्यर्थ के खर्चे नहीं होते है। नींद से जुडी समस्या समाप्त होती है। विदेश यात्रा के योग बनते है। पेट से सम्बंधित समस्या से बचाव होता है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त होती है। अच्छे मित्र बनते है। हायर एजुकेशन प्राप्त होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। प्लानिंग सफल होती है।
ओपल रत्न से कन्या लग्न वालो को फायदें
कन्या लग्न में शुक्र ग्रह दूसरे स्थान और नौवें स्थान के मालिक है। दूसरा स्थान परिवार, धन संचय, बैंक बैलेंस, आंख, वाणी, गले का होता है और नोवा स्थान भाग्य का होता है। इसलिए तुला लग्न में ओपल रत्न धारण करने से धन आता है और धन संचय होता है। पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। आँखों से जुडी समस्या समाप्त होती है। गले से जुडी समस्या समाप्त होती है। भाग्य उदय होता है। भाग्य में वृद्धि होती है। मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त होता है।
ओपल रत्न से मकर लग्न वालो को फायदें
मकर लग्न में शुक्र पांचवे स्थान और दसवें स्थान के मालिक होते है पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग और लव अफेयर का होता है और दसवा स्थान करियर का होता है इसलिए मकर लग्न में ओपल रत्न धारण करने से पेट से सम्बंधित समस्या से बचाव होता है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त होती है। अच्छे मित्र बनते है। हायर एजुकेशन प्राप्त होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। प्लानिंग सफल होती है। करियर में सफलता प्राप्त होती है। अच्छी जॉब लगती है और व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
ओपल रत्न से कुम्भ लग्न वालो को फायदें
कुम्भ लग्न में शुक्र चौथे स्थान और नोवे स्थान के मालिक होते है। चौथा स्थान प्रॉपर्टी, वेहिकल, सुख साधन और माता का होता है और नोवा स्थान भाग्य का होता है। इसलिए कुम्भ लग्न में ओपल रत्न धारण करने से प्रॉपर्टी सुख प्राप्त होता है। वेहिकल सुख प्राप्त होता है। सुख साधन की वस्तुओ में वृद्धि होती है। माता के सुख में वृद्धि होती है। भाग्य उदय होता है मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त होता है धन आता है। गृहस्त सुख में वृद्धि होती है।
ओपल रत्न से वृष लग्न वालो को फायदें
नीलम रत्न शुक्ल पक्ष को शनिवार की शाम को सूरज ढलने के बाद धारण करते हैं। इसे सीधे हाथ की मध्यमा ऊँगली में पहनना चाहिए। नीलम की अंगूठी पहनने से पहले इसे कच्चे दूध और गंगाजल में डालकर शुद्ध करें। इसके बाद एक नीले कपड़े के ऊपर इस अंगूठी को रख लें और शनि के मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रों सः शनेश्चराय नम: की एक माला का जाप करके नीलम रत्न को धारण करे।