लहसुनिया रत्न किसे धारण करना चाहिए , इसके फायदे और धारण करने की विधि
लहसुनिया रत्न केतु ग्रह का रत्न होता है। लहसुनिया रत्न बहुत अधिक चमकीला होता है। जिसके कारण इसे कैट्स आई के नाम से भी जाना जाता है. यह चार रंगों-सफेद, काला, पीला और हरा में होता है जिनमें धारियां होती हैं। लहसुनिया रत्न में क्रूर और शक्तिशाली केतु ग्रह की ऊर्जा होती है। लहसुनिया रत्न धारण करने से केतु ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते है और केतु के नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते है। इसलिए लहसुनिया रत्न धारण करना लाभदायक रहता है।
लहसुनिया रत्न के फायदे
- लहसुनिया रत्न धारण करने से नजर नहीं लगती है। बुरे सपने नहीं आते है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से शत्रु समाप्त हो जाते है। शत्रुओ से मुक्ति प्राप्त होती है।
- लहसुनिया धारण करने से सुख समृद्धि आती है धन की प्राप्ति होती है। आर्थिक समस्या से मुक्ति मिलती है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से चोट एक्सीडेंट से बचाव होता है। दुर्घटना नहीं होती है दुर्घटना से लहसुनिया रत्न रक्षा करता है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से मन में से नकारात्मकता समाप्त होती है और कॉन्फिडेंस में वृद्धि होती है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से भूत प्रेत बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से हड्डियों से जुडी समस्या समाप्त होती है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से फसा हुआ धन वापिस प्राप्त होने लगता है।
- लहसुनिया रत्न धारण करने से प्रोफेशनल लाइफ में भी तरक्की प्राप्त होती है। उच्च पद प्राप्त होता है। व्यापारियों को भी लाभ प्राप्त होता है।
- लहसुनिया रत्न के प्रभाव से शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। डिप्रेशन, लकवा व कैंसर जैसी बीमारियों में भी यह रत्न लाभदायक होता है।
किन लग्न या राशियों के व्यक्ति लहसुनियां रत्न धारण करे ?
मेष, वृश्चिक, धनु, मीन, सिंह और कर्क लग्न के व्यक्ति लहसुनियां रत्न धारण कर सकते है। इन लग्नो में केतु ग्रह लग्नेश के मित्र होते है इसलिए इन लग्न वाले व्यक्तियों के लिए केतु ग्रह योग कारक होते है इसलिए इन लग्न वाले व्यक्ति लहसुनियां रत्न धारण कर सकते है। मेष, वृश्चिक, धनु, मीन, सिंह और कर्क लग्न में जब केतु शुभ स्थान में बैठता है तो केतु का रत्न लहसुनियां धारण किया जा सकता है इसलिए अपनी कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति की जांच करवा ले और उसके बाद ही लहसुनिया रत्न धारण करे।
लहसुनियां रत्न कब धारण करना चाहिए ?
लहसुनिया रत्न को मंगलवार के दिन अश्विनी, मघा एवं मूल नक्षत्र में पहनना चाहिए। इसके अलावा आप शुक्ल पक्ष के किसी भी मंगलवार को लहसुनियां रत्न धारण कर सकते हैं। लहसुनियां रत्न को केवल पंचधातु की अंगूठी या लॉकेट में ही पहनना चाहिए।
लहसुनियां रत्न धारण करने की विधि
लहसुनियां रत्न मंगलवार की सुबह 6 से 7 बजे के बीच धारण किया जाता है। रत्न धारण करने से पहले 10 मिनट तक लहसुनियां रत्न को कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में एक कटोरी में डाल कर रखे और 10 मिनट बाद कटोरी से निकालकर पुनः गंगाजल से धोकर शुद्ध कर ले और अपने घर के मंदिर में धुप दीप जलाकर केतु के मंत्र का 108 बार जाप करे ॐ केतवे नमः। इसके बाद लहसुनियां रत्न अपने सीधे हाथ की रिंग फिंगर में धारण करे।