माणिक रत्न किसे धारण करना चाहिए , इसके फायदे और धारण करने की विधि
माणिक रत्न सूर्य ग्रह का रत्न होता है। जिन लोगो की कुंडली में सूर्य ग्रह योग कारक होते है उन व्यक्तियों को माणिक रत्न धारण करना चाहिए। मेष, वृश्चिक, सिंह, कर्क, धनु लग्न वालो को माणिक रत्न धारण करना चाहिए। माणिक रत्न लाल रंग का रत्न है इसे धारण करने से सूर्य ग्रह मजबूत होता है। माणिक रत्न सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वा कर धारण किया जाता है। आइये जानते है किस लग्न या राशि वालो को माणिक रत्न धरना चाहिए और माणिक रत्न धारण करने के फायदे और इसे धारण करने की विधि।
माणिक रत्न से मेष लग्न वालो को फायदे
मेष लग्न की कुंडली में सूर्य पांचवे स्थान के मालिक होते है पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग और लव अफेयर का होता है इसलिए मेष लग्न वालो को माणिक रत्न धारण करने से पेट से सम्बंधित समस्या से बचाव होता है। लव अफेयर में सफलता प्राप्त होती है। अच्छे मित्र बनते है। हायर एजुकेशन प्राप्त होती है। संतान सुख प्राप्त होता है। प्लानिंग सफल होती है। मान सम्मान में वृद्धि होती है। इसलिए मेष लग्न वालो को माणिक रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
माणिक रत्न से वृश्चिक लग्न वालो को फायदे
वृश्चिक लग्न की कुंडली में सूर्य दसवे स्थान के मालिक होते है दसवा स्थान करियर और पिता का होता है इसलिए वृश्चिक लग्न की कुंडली में माणिक रत्न धारण करने से करियर में तरक्की प्राप्त होती है। नौकरी और बिज़नेस में तरक्की प्राप्त होती है। पिता से सम्बन्ध अच्छे होते है पिता के सुख में वृद्धि होती है। पिता को भी लाभ प्राप्त होता है। अतः वृश्चिक लग्न वालो को माणिक रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
माणिक रत्न से कर्क लग्न वालो को फायदे
कर्क लग्न की कुंडली में सूर्य दूसरे स्थान के मालिक होते है दूसरा स्थान दूसरा स्थान परिवार, धन संचय, बैंक बैलेंस, आंख, वाणी, गले का होता है और पांचवा स्थान पढ़ाई, संतान, मित्र, पेट, प्लानिंग और लव अफेयर का होता है इसलिए कर्क लग्न में माणिक रत्न धारण करने से धन आता है और धन संचय होता है। पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है। आँखों से जुडी समस्या समाप्त होती है। गले से जुडी समस्या समाप्त होती है। वाणी दोष समाप्त होता है वाणी अच्छी होती है।
माणिक रत्न से धनु लग्न वालो को फायदे
धनु लग्न की कुंडली में सूर्य नोवे स्थान के मालिक होते है नोवा स्थान भाग्य का होता है और नोवा स्थान धर्म का होता है और नोवा स्थान यात्रा का होता है इसलिए धनु लग्न में सूर्य का रत्न माणिक धारण करने से भाग्य उदय होता है मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त होता है लाइफ में तरक्की प्राप्त होती है। लाइफ में तरक्की के नए अवसर प्राप्त होते है। धन आता है। धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है विदेश यात्रा के योग बनते है। इसलिए धनु लग्न वालो को माणिक रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
माणिक रत्न धारण करने की विधि
माणिक रत्न रविवार की सुबह 6 से 7 बजे के बीच धारण करना चाहिए। माणिक रत्न धारण करने से पहले माणिक रत्न को कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में एक कटोरी में डाल कर रखे थोड़ी देर बाद कटोरी से निकालकर पुनः माणिक रत्न को गंगाजल से शुद्ध कर ले और अपने घर के मंदिर में धुप दीप जलाकर सूर्य के मंत्र का 108 बार जाप करे ॐ घृणि सूर्याय नमः। इस मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद अपने सीधे हाथ की रिंग फिंगर में माणिक रत्न धारण करे।
माणिक रत्न के अन्य लाभ
- माणिक रत्न धारण करने से मान सम्मान बढ़ता है।
- माणिक रत्न धारण करने से हार्ट से जुडी समस्या समस्या समाप्त होती है।
- माणिक रत्न धारण करने से पेट और पाचन क्रिया अच्छी रहती है।
- माणिक रत्न धारण करने सआँखों से जुडी समस्या समाप्त होती है।
- माणिक रत्न धारण करने से पिता का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है पिता के सुख में वृद्धि होती है।
- माणिक रत्न धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
- माणिक रत्न धारण करने से लाइफ में तरक्की के नए अवसर प्राप्त होते है।
- माणिक रत्न धारण करने से सरकारी नौकरी प्राप्त होने के योग बनते है।