गोमेद रत्न पहने के फायदे और धारण करने की विधि

गोमेद रत्न राहु ग्रह का रत्न होता है। गोमेद रत्न शहद के रंग जैसा होता है और गहरे भूरे या लाल रंग का होता है। गोमेद रत्न में क्रूर और शक्तिशाली राहु ग्रह की ऊर्जा होती है। गोमेद रत्न धारण करने से राहु ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते है और राहु के नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते है। इसलिए गोमेद रत्न धारण करने लाभदायक रहता है।

गोमेद रत्न के फायदे

  • गोमेद रत्न धारण करने से काल सर्प दोष की शांति भी होती है इसलिए जिन लोगो की कुंडली में काल सर्प दोष बना हुआ है उनको भी गोमेद रत्न धारण करने से लाभ होता है। ज्योतिषी की सलाह पर गोमेद रत्न धारण करे।
  • गोमेद रत्न राहु का होता है और राहु राजनीती के कारक होते है इसलिए राजनीती के क्षेत्र में कार्यरत लोगो को गोमेद रत्न धारण करने से बहुत लाभ होता है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से नींद से जुडी समस्या समाप्त होती है। इसलिए जिन लोगो को नींद से जुडी समस्या रहती है वो ज्योतिषी की सलाह पर गोमेद रत्न धारण कर सकते है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से गुप्त शत्रु समाप्त होते है इसलिए जिन लोगो को शत्रु परेशान कर रहे है उन लोगो को भी गोमेद रत्न धारण करने से लाभ प्राप्त होता है और शत्रुओ से मुक्ति प्राप्त होती है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से भूत प्रेत जैसी समस्या भी समाप्त हो जाती है इसलिए इसका प्रयोग कर सकते है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से मन में से डर की भावना समाप्त होती है और मन में हिम्मत पैदा होती है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और लाइफ में आगे बढ़ने के नए अवसर प्राप्त होते है।
  • गोमेद रत्न धारण करने से मन शांत रहता है। मन से नकरात्मक विचार समाप्त होते है।

किन लग्न या राशियों के व्यक्ति गोमेद रत्न धारण करे ?

वृष, तुला, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न के व्यक्ति गोमेद रत्न धारण कर सकते है। इन लग्नो में राहु ग्रह लग्नेश के मित्र होते है इसलिए इन लग्न वाले व्यक्तियों के लिए राहु ग्रह योग कारक होते है इसलिए इन लग्न वाले व्यक्ति गोमेद रत्न धारण कर सकते है। वृष, तुला, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न में जब राहु शुभ स्थान में बैठता है तो राहु का रत्न गोमेद धारण किया जा सकते है इसलिए अपनी कुंडली में राहु ग्रह की स्थिति की जांच करवा ले और उसके बाद ही गोमेद धारण करे।

गोमेद रत्न कब धारण करना चाहिए ?
गोमेद रत्न को शनिवार के दिन स्वाति, आर्द्रा अथवा शतभिषा नक्षत्र में पहनना चाहिए। इसके अलावा आप शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार को शनि की होरा में गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं। गोमेद को केवल चाँदी की अंगूठी या लॉकेट में ही पहनना चाहिए।

गोमेद रत्न धारण करने की विधि
गोमेद रत्न शनिवार की शाम को सूरज ढलने के बाद धारण किया जाता है। धारण करने से पहले 10 मिनट तक गोमेद रत्न को कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में एक कटोरी में डाल कर रखे और 10 मिनट बाद कटोरी से निकालकर पुनः गंगाजल से धोकर शुद्ध कर ले और अपने घर के मंदिर में धुप दीप जलाकर राहु के मंत्र का 108 बार जाप करे ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। इसके बाद गोमेद रत्न अपने सीधे हाथ की मध्यमा ऊँगली में धारण करे।

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