फिरोजा स्टोन बृहस्पति ग्रह का उपरत्न है जो व्यक्ति बृहस्पति ग्रह का मुख्य रत्न पुखराज अफोर्ड नहीं कर पाते है वो व्यक्ति बृहस्पति ग्रह का उपरत्न फिरोजा धारण कर सकते है। उपरत्न भी मुख्य रत्न के समान ही रिजल्ट प्रदान करते है। इसलिए उपरत्न भी निश्चित तोर पर धारण किये जा सकते है। फिरोजा रत्न गहरे आसमानी रंग का होता है। इस रत्न को अंग्रेजी में ‘टरक्वाइश’ कहा जाता है। फिरोजा रत्न अगर कुंडली के अनुसार धारण किया जाए तो फिरोजा रत्न अपने चमत्कारी प्रभाव जल्दी देना प्रारम्भ कर देता है। इसलिए अपनी लग्न कुंडली की जाँच करवा कर ही फिरोजा स्टोन धारण करना चाहिए। तभी इस रत्न के सही परिणाम प्राप्त हो सकेंगे। सामान्यतः फिरोज़ा रत्न धारण करने का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है इसलिए इसे पहनने से कोई नुकसान नहीं होता है। फिरोजा रत्न मेष, वृश्चिक, धनु, मीन, सिंह और कर्क लग्न वाले व्यक्ति धारण कर सकते है इन लग्न वालो को फिरोजा स्टोन धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसलिए मेष, वृश्चिक, धनु, मीन, सिंह और कर्क लग्न वालो को फिरोजा रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
फिरोजा रत्न के फायदे
- फिरोजा रत्न धारण करने से पति पत्नी के बीच रिश्ते अच्छे होते है अगर मैरिड लाइफ में समस्या चल रही हो तो फिरोजा रत्न धारण किया जा सकता है।
- प्रेम में सफलता प्राप्त करने के लिए भी फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। फिरोजा रत्न धारण करने से प्रेम में सफलता प्राप्त होती है।
- फिरोजा रत्न धारण करने से रिश्तेदारों से चल रहे वाद विवाद समाप्त होते है और रिश्तेदारों से अच्छे सम्बन्ध स्थापित होते है। फिरोजा रत्न पारिवारिक सुख में वृद्धि करता है।
- अगर किसी व्यक्ति का वजन कम है या कोई व्यक्ति ओवर वेट है तो वो फिरोजा रत्न जरूर धारण करे। क्योकि फिरोजा रत्न शरीर के वजन से जुडी समस्या समाप्त करता है। फिरोजा रत्न धारण करने से शरीर का वजन संतुलित रहता है
- फिरोजा रत्न धारण करने से पढ़ाई में रूकावट नहीं आती है पढ़ाई में मेहनत के अनुसार अच्छे रिजल्ट प्राप्त होते है इसलिए स्टूडेंट को फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। फिरोजा रत्न धारण करने से उच्च शिक्षा के योग बनते है।
- फिरोजा रत्न धारण करने से पेट, पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या भी समाप्त होती है। इसलिए जिन लोगो को पेट से सम्बंधित समस्या रहती है वो फिरोजा रत्न धारण कर सकते है।
- फिरोजा रत्न धारण करने से शुगर भी कण्ट्रोल में रहता है इसलिए शुगर से पीड़ित व्यक्ति भी फिरोजा रत्न धारण कर सकते है।
- जिन लड़कियों की शादी में देरी होती है उन्हें भी फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। फिरोजा रत्न धारण करने से शादी की रूकावट दूर हो जाती है और जल्दी विवाह हो जाता है
- फिरोजा रत्न धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इसलिए सेल्फ कॉन्फिडेंस के लिए फिरोजा रत्न धारण किया जा सकता है।
- फिरोजा रत्न धारण करने से नकारात्मक विचार भी समाप्त होते है। फिरोजा रत्न धारण करने से मन में सात्विकता आती है और धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है।
- फिरोजा रत्न धारण करने से भूत प्रेत बाधा समाप्त होती है। परिवार में से नकारात्मकता समाप्त होती है और परिवार में सकारात्मकता आती है।
फिरोजा रत्न धारण करने की विधि
फिरोजा रत्न सोने या पंचधातु की अंगूठी में धारण करना चाहिए। फिरोजा रत्न शुक्ल पक्ष के वीरवार को सुबह 6 से 7 बजे के बीच धारण करना चाहिए। फिरोजा रत्न धारण करने से 10 मिनट पहले कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण में एक कटोरी में डालकर रखे और 10 मिनट बाद कटोरी से निलाकर पुनः गंगाजल से शुद्ध कर ले और इसके बाद अपने घर के मंदिर में धूप दीप जलाकर बृहस्पति ग्रह के मंत्र का 108 बार जाप करे ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। इसके बाद अपने सीधे हाथ की तर्जनी ऊँगली में फिरोजा रत्न धारण करे।