अनुसूचित जातियों की समस्या:- इसमें अनुसूचित जाति की समस्या इस प्रकार है:
(1) सामाजिक समस्या:- मुख्य रूप से जाति व्यवस्था शुद्ध एवं और शुद्धता पर निर्भर करता था जिसमें उच्च जातियां तुलनात्मक दृष्टि से विभिन्न माना जाता था इसमें कुछ वर जातियां
भी थी जिसमें उच्च जाति निम्न जातियों से विवाह, समन्वय आदि नहीं बनता था और शुद्ध शुद्ध भोजन एवं वसा दोनों में ही था और जो भी यह करता था उसे दंड मिलत था।
- उच्च जाति में भोजन शाकाहारी और शुद्ध माना जाता था।
- मध्य व्यसन एवं मांसाहारी भोजन करते थे इसमें रक्त संबंधित शुद्धता एवं और शुद्धता भी था जिसे दूर करने के लिए स्नान आदि संस्कार होते थे।
(2) धार्मिक समस्याएं:- अनुसूचित जातियों में धार्मिक समस्याएं जैसे:- मंदिर में जाना मना, किसी भी कर्मकांड को करने पर रोक आदि समस्याएं थे।
(3 आर्थिक समस्या:- अनुसूचित जाति में आर्थिक समस्याएं थी जिसमें शिक्षा, रोजगार एवं बेरोजगारी की समस्या थी आज सरकार इनके विकास के लिए कार्य कर रही है लेकिन फिर भी यही समस्या है,
अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी योजनाओं को पारित किया गया है जिसके कारण अनेक समस्याओं में सुधार हुए हैं लेकिन कुछ क्षेत्रों में आज भी समस्या बनी हुई है।
(4) छुआछूत या भेदभाव की समस्या:-अनुसूचित जातियों में यह समस्याएं भी हैं जो इस प्रकार से हैं,
दूसरी जातियों द्वारा अनुसूचित जाति पर जब हम इस तरह के भेदभाव की भावना लाते हैं तो उसे हम छुआछूत कहते हैं।
यह भावना कब से है यह किसी को नहीं पता है लेकिन हम इसे 400 AD के समय से ही मानते हैं।
यह भावना दो तरह की जातियों में आती है उच्च जाति एवं निम्न्न जाति के ऊपर होता है इसमें मुख्य रूप से यह माना जाता है कि एक मन की स्थिति है जिसमें उच्च जातियां विश्वास करती है कि अनुसूचित जातियां छूने योग्य नहीं।
इसे हम एक रोग की तरह मानते हैं जिसे ऐसी बीमारी मानते हैं जो न केवल उस जाते बल्कि अनुसूचित जातियों को प्रदूषित किया है “यह लोगों को मानव की तरह नहीं मानने वाली प्रक्रिया है।”
(5) शिक्षा की समस्या:- शुरू में जो परंपरागत समाज थी वह शिक्षा से पीछे रह गई,क्योंकि उन्हे यह अधिकार नहीं था जिसके कारण पवित्रता एवं अपवित्रता की भावना उत्पन्न हुआ।
“इसमें शिक्षा के कारण औद्योगिक एवं तकनीकी के गतिशीलता में वृद्धि किया गया है।”
पूरे देश में शिक्षा एवं सम्मान ना होना एवं यह मुख्य रूप से यही प्रक्रिया से जुड़ा है,जिससे एक न्यू मध्यम वर्गीय समाज का जन्म हुआ।