महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रमुख प्रयासों पर प्रकाश डालिए ?

महिला सशक्तिकरण:- महिला सशक्तिकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से जागरूकता कार्य क्षमता बेहतर नियंत्रण के प्रयास के द्वारा व्यक्ति अपने विषय में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होता है |

महिला सशक्तिकरण को अर्थशास्त्री बिना अग्रवाल ने बताया है की , महिला सशक्तिकरण एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में संचारित किया गया है , जिससे दुर्बल एवं उपेक्षित लोगो के समूहों की छमता बढ़े। जिससे महिलाएं अपने आप को निम्न आर्थिक ,समाजिक, राजनीति मे अच्छा हो |

राष्ट्र प्रेरणा स्वामी विवेकानंद ने विकास प्रक्रिया में महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करते हुए कहा था जिस प्रकार एक पंख से चिड़िया उड़ान नहीं भर सकती है इसी प्रकार बिना महिलाओं की सहभागिता के कोई राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता।

महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन के प्रयास:- महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन के प्रमुख प्रयास इस प्रकार दिए गए हैं:

  1. वित्तीय शिक्षा प्रोत्साहन योजना।
  2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा योजना पेंशन।
  3. उजाला किरण योजना (उज्जवला योजना|)
  4. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना।

1:-वित्तीय शिक्षा प्रोत्साहन योजना:- इस योजना के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक शासकीय पंजीकरण निर्माण श्रमिकों वाली छात्राओं को वेतन प्रदान करना।

2:- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पैंशन योजना:-
इस योजना का लाभ लेने के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है जिसकी आयु 40 से 49 वर्ष हो और जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता हो उसे ₹200 की राशि दी जाती है।
3- उज्जवला योजना| :- केंद्र सरकार महिलाओं एवं उनके बच्चों को पुनर्वास के सहायता दी जाती है जिसमें सनिम्नलिखित हैं-

  1.  रोकथाम से बचाव
  2. पुनः स्थापना
  3. पुनः निर्माण में सहायता देने का प्रयास किया जाता है।

क्षेत्रीय विकास उद्गम:- इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता को अलग-अलग क्षेत्रों में विकास के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाएं

1:- पहाड़ी क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम सन _1974
2:-रेगिस्तान विकास कार्यक्रम_ 1977- 78

यह सारे कार्यक्रम लागू करने के बाद यह प्रयोग सफल हुआ और इसमें एक क्षेत्र का विकास हुआ।

5) मूलभूत आवश्यकताओं का उद्गम:- इस दृष्टिकोण का विकास योजना की एकइस दृष्टिकोण का विकास योजना कि एक केंद्रीय चिंता के रूप में गरीबों के जीवन स्तर न्यूनतम मानक की मान्यता को महत्व देती हैइस दृष्टिकोण का विकास योजना की एक केंद्रीय चिंता के रूप में गरीबों के जीवन स्तर न्यूनतम मानक की मान्यता को महत्व देती है
गरीबी एवं असमानता को कम करना साथ ही योजना एवं वितरण आत्मक न्याय की क्षेत्र को बढ़ावा देना।
जरूरतों की अवधारणा व्यक्तिगत और सामाजिक उपभोग के बराबर करने वाला एक व्यापक दायरा है।

महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास इस प्रकार हैं-
इसके माध्यम से महिलाओं को उनके अधिकारों के से अवगत कराया जाता था कि वह अपने किसी को सुधार सकें.
वर्तमान में समाज में ऐसी कुर्तियां विद्यमान है जिनका महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जिनके कारण उनके एचडी में बहुत परिवर्तन हुए हैं-

1-आज निर्भरता एवं उत्पादन क्षमता का विकास।
2-निर्णय लेने का अधिकार।
3-सत्ता संपत्ति में पुरुषों के बराबर का अधिकार।
4- रोजगार के क्षेत्र में वृद्धि।इसी प्रकार से सरकार द्वारा बनाए गए नियमों से महिलाओं की छुट्टियों में सुधार का प्रयास किया गया है

(1)- दहेज निरोधक अधिनियम (1961-1981)
(2)- सती प्रथा निवारण अधिनियम (1987)
(3)- घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005.

# सामाजिक विधान:-
1-परिवार न्यायालय अधिनियम 1984.
2:- हिंदू विवाह अधिनियम 1955.
3:- विशेष विवाह अधिनियम 1954.
@ भारतीय तलाक अधिनियम 1969 आदि आधारों पर किया गया है।

# महिला कल्याण कार्यक्रम#️⃣
1:- जननी सुरक्षा योजना:- इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव करने पर शहरी क्षेत्र में निवास करने वालीइस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला को संस्थागत प्रसव करने पर शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले को ₹1000 और ग्रामीण क्षेत्र महिला को 1400 रूपये तक प्रदान करना है ।

#उद्देश्य_ सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना 2005 अधिनियम.
*क्रियान्वयन:- स्वास्थ्य एवं कल्याण विभाग.
*संपर्क:- ड़ी स्वास्थ्य कार्यक्रमआंगनवाड़ी स्वास्थ्य कार्यक्रम।

(2) जननी शिशु सुरक्षा योजना:- इसमें समस्त गर्भवती के नवजात शिशु को जन्म के 30 दिन तक आवश्यक पैथोलॉजी मुक्त व्यवस्था भोजन अधिक निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
*उद्देश्य:- निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराना.
* पात्रता:- सभी गर्भवती महिलाओं के शिशु को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराया जाए।

(3)_ लाडलीी लक्ष्मी योजना:- बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच लिंगानुपात में सुधार बालिकाओं के शैक्षणिक एवं उनके अच्छे भविष्य रखने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश में 4 अप्रैल 2007 यह् योजना लागूू हुआ।

(4)_ कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना:- अनुसूचित जाति की ऐसी कन्या जो कक्षा 6 9 me11 में प्रवेश लेती हैं उनको प्रवेश लेने पर क्रमशः 500 1000 एवं 2050 की दर से राशि दी जाती हैअनुसूचित जाति की ऐसी कन्या जो कक्षा 6 9 me11 में प्रवेश लेती है उनको प्रवेश लेने पर क्रमशः 500,-1000 एवं 2000की दर से राशि दी जाती है।

(5) निशुल्क साइकिल प्रवास योजना:- इस योजना में अनुसूचित जाति कन्या में साक्षरता प्रोत्साहन के उद्देश्य से कक्षा में अध्ययनरत बालिकाओं को निशुल्क साइकिल की सुविधा प्रदान की जाती है।

(6) गांव की बेटी योजना:- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान बालिकाओं की शिक्षा का स्तर बढ़ाने एवं उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना होता है।

(7):- प्रतिभा किरण योजना:- इस योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले शहर की मेधावी छात्राओं को शिक्षा का स्तर बढ़ाने हेतु प्रस्थान स्वरूप सहायता प्रदान की जातीै है।

(8):- मुख्यमंत्री कन्या विवाह /निकाह योजना:- इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा जरूरतमंद मिश्रित निर्धन परिवार की विवाह योग्य कन्या विधवा परिपक्वता महिलाओं के सामूहिक विवाह हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।

*पात्रता:- मध्यप्रदेश की मूल निवासी हो।
आवेदन की आयु 18 वर्ष से अधिक आयु की कन्या विधवा परिपक्व महिला हो निर्वाचित व निर्धन परिवार की हो,
यह सब कार्यक्रम महिलाओं के लिए चलाए गए हैं।

4- उस्मा किरण योजना:- इस योजना के अंतर्गत स्थाई आश्रम ,कानूनी सहायता ,चिकित्सा सुविधा, पुलिस सहायता 24 घंटे हेल्पलाइन आदि के क्षेत्र में प्रयास किए जाते हैं।

अनुसूचित जातियों की समस्या

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अनुसूचित जाति क्या है?

अनुसूचित जाति कब आया

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