बच्चों से कविताएं सुनना हम सब को काफी अच्छा लगता है। आजकल के बच्चें तो बहुत कम उम्र से ही हिंदी और इंग्लिश में कविताएं याद करने लगतें है । और उनसे कविताएं सुनना मन को मोह लेता है । हम सभी की इक्षा होती है, की हमारे बच्चें अच्छी अच्छी कविताएं याद करें और वो अपनी कविताएं सभी लोग को सुनाएँ।
आजकल कविताएं याद करने के बहुत सारे माध्यम हो गए है । बच्चों को स्कूल की क्लास शुरू होते ही , उनको नए नए तरीके से कविताएं सिखाये जाते है। आजकल बहुत सारे प्ले स्कूल भी खुल गया है। इन प्ले स्कूल में काफी अच्छी सुविधा है । यहाँ पर बच्चों को खेल कूद के माध्यम से बच्चों को कविताएं याद कराये जा रहें है । साथ ही साथ नए डिजिटल शिक्षा के माध्यम से भी कविताएं सिखाये जा रहे है ।
आज के इस ब्लॉग में हम बच्चों की कविताएं हिंदी में लिख रहें है जो हम सभी के बच्चों के लिए काफी सहायक सिद्ध होगा।
कविता बच्चों को पढ़ने के कौशल विकसित करने में मदद करता है |
बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करता है
ध्वनि के बारे में युवा पाठकों को सिखाता है
शब्दावली बनाता है।
रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है |
ज़ोर से पढ़ने के लिए प्रेरित करता है |
बच्चों की कविताएं, Kids Poem in Hindi, Child Poem in Hindi
(1) Chidiya ke Bachhe Char – चिड़ियों के थे बच्चे चार
चिड़ियों के थे
बच्चे चार,
निकले घर से
पंख पखार।
पूरब से
पश्चिम को आए,
उत्तर से
दक्षिण को जाएं।
उत्तर दक्षिण
पूरब पश्चिम,
देख लिया
हमने जग सारा।
अपना घर
खुशियों से भरा,
सबसे न्यारा
सबसे प्यारा।
(2) Titli Rani Badi Sayani – तितली रानी बड़ी सयानी
तितली रानी बड़ी सयानी,
रंग बिरंगे फूलों पर जाती है।
फूलों से रंग चुरा कर,
अपने पंखों को सजाती है।
कोई हाथ लगाए,
तो छूमंतर हो जाती है।
पंखों को फड़फड़ा कर,
हर फूल पर वो मंडराती है।
घूम-घूम कर सारे फूलों की,
खुशबू वो ले जाती है।
फूलों का मीठा रस पीकर,
दूर जाकर पंखों को सहलाती है।
रंग बिरंगी तितली रानी,
बड़ी सयानी।
(3) रोज सुबह सूरज आसमान में आकर, हम सबको नींद से जगाता है – Roj Subah Ko Suraj Aakar Poem
रोज सुबह सूरज आसमान में आकर,
हम सबको नींद से जगाता है।
शाम हुई तो लाली फैलाकर,
अपने घर को चला जाता है।
दिन भर खुद को जला जलाकर,
यह प्रकाश फैलाता है।
कभी नहीं करता आलस्य,
रोज नियम से समय पर आता जाता।
कभी नहीं करता है घमंड,
बादलों के संग भी लुकाछिपी खेलता है।
उसका जीना ही जीना है,
जो काम सभी के आता है।
(4) Chuk Chuk Karti Rail Gadi Aayi – छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,
पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,
इंजन है इसका भारी-भरकम।
पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,
धमधम धमधम धमधम धमधम,
पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।
फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,
लाल बत्ती पर रुक जाती,
हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।
देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,
काला कोट पहन टीटी इठलाता,
सबकी टिकट देखता फिरता।
भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,
कोई टूट न पाए इसलिए,
रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।
छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।
(5) Aao Hum Sab Jhula Jhule – आओ हम सब झूला झूलें
आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें
है बहार सावन की आई
देखो श्याम घटा नभ छाई
अब फुहार पड़ती है भाई
ठंडी – ठंडी अति सुखदायी
आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें
कुहू – कुहू कर गाने वाली
प्यारी कोयल काली – काली
बड़ी सुरीली भोली – भाली
गाती फिरती है मतवाली
हम सब भी गाकर झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें
मोर बोलता है उपवन में
मास्त हो रहा है नर्तन में
चातक भी बोला वन में
आओ हम सब झूला झूलें
पेंग बढ़ाकर नभ को छूलें
(6) Ek Bar Phir Se Jay Bolo – एक बार फिर से जय बोलो
एक बार फिर से जय बोलो
प्यारे हिन्दुस्तान की
जिसकी मिट्टी सोना देती
धरती है भगवान् की
दया – धर्म की शिक्षा मिलती
जन्म भूमि इंसान की
गाँव गाँव में नदियाँ बहती
ज्वाला जलती मान की
गीतों की फुलझरियां हंसती
बढ़ी शान ईमान की
एक बार फिर से जय बोलो
प्यारे हिन्दुस्तान की
जहाँ चमन है बाग बगीचा
बियाबान खलिहान भी
ऊँचा पर्वत चौड़ी खायी
जल थल है गतिवान भी
एक बार फिर से जय बोलो
प्यारे हिन्दुस्तान की
(7) Kids Poem in Hindi – इब्न बतूता पहन के जूता
इब्न बतूता पहन के जूता,
निकले है बड़ी शान से।
रास्ते में आया तूफान,
थोड़ी हवा नाक में घुस गई,
घुस गई थोड़ी कान में।
आंखों में मिट्टी फंस गई,
कभी नाक, कभी कान,
तो कभी आंख मलते इब्न बतूता।
इस बीच निकल पड़ा उनका जूता,
उड़ता उड़ता जा पहुंचा जापान में,
गिर पड़े संभल ना पाए।
इब्न बतूता देखते
रह गए आसमान में।
(8) DeKho Kalu Madari Aaya – देखो देखो कालू मदारी आया
देखो देखो कालू मदारी आया,
संग में अपनी बंदरिया लाया।
डम डम डम डम डमरू बजाया,
यह देख टप्पू चिंटू-पिंटू आया।
सुनीता पूजा बबीता आयी,
देखो देखो कालू मदारी आया।
फिर जोर-जोर से मदारी ने डमरू बजाया,
बंदरिया ने उछल कूद पर नाच दिखाया।
उल्टा पुल्टा नाच देख कर सब मुस्कुराए,
फिर सब ने जोर-जोर से ताली बजाई।
देखो देखो कालू मदारी आया,
संग में अपनी बंदरिया लाया।
(9) Gram Gram Ladoo Sa Suraj – गरम गरम लड्डू सा सूरज
गरम गरम लड्डू सा सूरज,
लिपटा बैठा लाली में,
सुबह सुबह रख आया कौन,
इसे आसमान की थाली मे।
मूंदी आँख खोली कलियों ने,
बागों में रंग बिरंगे फूल खिलाए,
चिड़ियों ने नया गान सुनाया,
भंवरों ने पंखों से ताली बजाई।
फुदक फुदक कर रंग बिरंगी,
तितलियों की टोली आई,
पंख फैलाकर मोर ने नाच दिखाएं,
तो कोयल ने भी कुक बजाई।
उठो उठो अब देर ना हो जाए,
कहीं सुबह की रेल निकल न जाए,
अगर सोते रह गए तो,
आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
(10) Gol Gol Lal Tamatar – गोल गोल यह लाल टमाटर
गोल गोल यह लाल टमाटर
होते जिससे गाल टमाटर
खून बढ़ाता लाल टमाटर
फूर्ति लाल लाल टमाटर
स्वास्थ्या बनाता लाल टमाटर
मस्त बनाता लाल टमाटर
हम खाएँगे लाल टमाटर
बन जाएँगे लाल टमाटर.
(11) Hindi Poem for Kids – छूटी मेरी रेल
छूटी मेरी रेल।
रे बाबू छूटी मेरी रेल।
हट जाओ हट जाओ भैया
मैं न जानूं फिर कुछ भैया
टकरा जाये रेल।
धक् धक् धक धक् धू धू धू धू
भक् भक् भक् भक् भू भू भू भू
छक् छक् छक् छक् छू छू छू छू
करती आई रेल।
एंजिन इसका भारी-भरकम।
बढ़ता जाता गमगम गमगम।
धमधम धमधम धमधम धमधम।
करता ठेलस ठेल
सुनो गार्ड ने दे दी सीटी।
टिकट देखता फिरता टीटी।
सटी हुई वीटी से वीटी।
करती पेलम पेल।
छूटी मेरी रेल।
(12) Poem in Hindi for Kids – इब्न बतूता पहन के जूता
इब्न बतूता पहन के जूता
निकल पड़े तूफान में
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में।
कभी नाक को कभी कान को
मलते इब्न बतूता
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता।
उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुंचा जापान में
इब्न बतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में
(13) Hindi Poems for Kids – घो घो घो घोड़ा
घो घो घो घोड़ा
लकड़ी का घोड़ा
चाबुक न कोड़ा
जब इसको मोड़ा
भागा ये घोड़ा
भागा ये घोड़ा
लकड़ी का घोड़ा
घो घो घो घोड़ा।
(14) Small Poem in Hindi – वह देखो वह आता चूहा
वह देखो वह आता चूहा
आंखों को चमकाता चूहा
मूंछों में मुस्काता चूहा
लम्बी पूंछ हिलाता चूहा।
मक्खन रोटी खाता चूहा
बिल्ली से डर जाता चूहा।