उदयपुर जंगल, बेतिया,बिहार

कहने को तो यह सिर्फ एक जंगल है लेकिन इसमें समाहित है भारत के आजादी का इतिहास कालांतर में काकोरी लूट कांड के बाद देश के सच्चे सपूत और करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत भगत सिंह ने इसी जंगल में आश्रय लिया था | बेतिया के ही क्रांतिकारी कमल नाथ तिवारी ने भगत सिंह को बम बनाना सिखाया इतना ही नहीं बेतिया के काली बाग के पास चंद्रशेखर आजाद जी ने आश्रय लिया था राजगुरु सुखदेव इत्यादि जितने भी क्रांतिकारी थे सभी का मूवमेंट आजादी के प्रति इसी जंगल से संचालित होता था वर्तमान में साइबेरियन पक्षी का कलरव से गुंजायमान रहने वाला उदयपुर जंगल अपने विकास के बाटी जोह रहा है |

वादे तो बहुत बड़े बड़े हुए हैं लेकिन अमल कब तक होता है यह देखने वाली बात है खैर यदि आप यहां आना चाहते हैं तो नजदीकी एयरपोर्ट पटना कुशीनगर गोरखपुर और दरभंगा है रेल से आना चाहते हैं नजदीकी स्टेशन भी दिया है और बेतिया से 8 किलोमीटर पर अवस्थित है उदयपुर जंगल पटना गोरखपुर कुशीनगर जैसे बड़े शहरों से यहां पर आने के लिए कुछ कुछ समय के अंतराल पर बस की भी सेवा उपलब्ध है आप आसानी से जंगल में घूम सकते हैं प्रकृति का आनंद ले सकते हैं और यहां की सुनहरी यादें आप ले जा सकते हैं

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