खेसारी लाल यादव के जीवन की शुरुआत
एक गरीब परिवार में पैदा होकर , बड़े से बड़े मुकाम को हासिल करने वाले भोजपुरी के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव के बारे में । आज हम जानेगे की भोजपुरी के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव को अपने जीवन के शुरुआत में क्या क्या किया , कैसे वो दूध बेचने से लेकर , भेंस चराने, लिट्टी चोखा बेचने तक काम किया। लेकिन उन्होंने एक काम म्यूजिक का काम नहीं छोड़ा , जो उनका हमेसा से पैसन रहा । आज वो सुपर स्टार है , लेकिन उनके जीवन के सफर में जानकर सभी थोड़े देर के लिए सोचने लगेगे।
भोजपुरी के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव का जन्म 6 मार्च 1986 में बिहार के एक छोटे से गाँव रसूलपुर चट्टी, छपरा, बिहार में हुआ। उनको दूसरा नाम शत्रुधन यादव भी है।
उनके पिताजी दिन में चने बेचने का काम और रात में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया करते थे शुरुआत की दिनों में । कहते है की उनकी माँ ने शुरुआत की दिनों में सात बच्चो को पाला है। भोजपुरी के सुपर स्टार खेसारी लाल के चची के निधन के बाद उनके चाचा के 4 लड़के और खेसारी के 2 भाई को उनकी माँ ने देख रेख किया ।
खेसारी लाल 6-7 साल के हुए तबसे दूध बेचना , भेंसो को चराना , माता पिता का हेेल्प करना शुरू कर दिया था। ताकि वो घरवालों की मदद कर सके , घर में कुछ पैसा हो जाए। इन सभी के साथ साथ खेसारी लाल को बचपन से म्यूजिक का बहुत रूचि रहा है , जो आज उनको सुपर स्टार बनाता है। क्यूंकि उन्होंने अपनी रूचि कभी नहीं छोड़ी।
शुरुआत के दिनों में , खेसारी लाल गाँव में रामायण , महाभारत सुना करते थे और गया करते थे | बचपन में पढाई के साथ साथ खेसारी लाल जी रात को प्रोग्राम किया करते थे | उसके लिए उन्हें 10-20 रूपये मिलते थे |
अपने दिए इंटरव्यू में खेसरी जी बताते है की शुरुआत के दिनों में उनका जीवन काफी दिक्कत भरा रहा। वो बताते है की शुरू में खुद के पैसे से पढाई करना काफी कष्ट होता था , लेकिन अच्छा भी लगता था खुद की पैसे से पढाई करना। उनके पापा अकेले कमाने वाले थे तो पैसे की दिक्कत थी।
कुछ दिनों के बाद खेसारी लाल यादव जी दिल्ली बिताये जहा उन्होंने काफी शंघर्ष किया और बाद में लिट्टी चोखा बेचा। उसके बाद उनकी शादी हो गयी। फिर वो अपने पापा, मम्मी , पत्नी के साथ छोटी सी झोपड़ी में रहते थे दिल्ली में और लिट्टी चोखा बेचा करते थे सभी लोगो के साथ। फिर धीरे धीरे उन्होंने कुछ पैसे जमा किये , कुछ अपने काम से और कुछ और शो करके। ऐसे करके उन्होंने 10000-1200 रुपए जमा किये , और उसी पैसे से गाना गया जो फ्लॉप रहा , फिर भी वो नहीं माने और कुछ दिन बाद में वो अपना दूसरा गाना गाया , जो लोगो को कुछ पसंद आयी । उसके कुछ दिन बाद उनका कंपनी के साथ प्रोजेक्ट बेस वर्क स्टार्ट हुआ। 2-3 कैसेटस गाया । उसी समय उनकी लड़की का जन्म हुआ , जो काफी लक्ष्मी साबित हुई। अपनी बेटी के जन्म के कुछ दिन बाद ही खेसारी लाल यादव एक स्टार बन गए।
लोगो के बिच काफी लोकप्रिय होने के बाद भी खेसारी जी लिट्टी चोखा कुछ दिन तक बेचे। धीरे धीरे उनके कैसेटस हिट होने लगा , उसके कुछ दिन बाद में वो लिट्टी चोखा बेचना बंद कर दिए और अपने परवर का दायित्व अपने ऊपर ले लिए और घर का भी जिम्मा वही संभालने लगे । जिम्मा संभालने के बाद भी उनका शंघर्ष ख़त्म नहीं हुआ , उनदिनों कैसेटस का जमाना हुआ करता था। जब भी उनका कैसेटस रिलीज़ होता तो वो अपना कैसेटस और गाना का प्रचार साइकिल चलाके किया करते थे।
इसी बिच वो अलग अलग जगह पैर शादी विवाह में अपने गाने का प्रचार भी किये । कुछ दिन में उनके गाने लोगो के बिच काफी ही सुने जाने लगा और धीरे धीरे लोगो के बिच उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई। लगभग १२-१५ कैसेटस दिल्ली से काफी लोकप्रिय होने के बाद वो सिनेमा जगत में एंट्री किये।
खेसारी लाल यादव की पहली फ
खेसारी लाल यादव की पहली फिल्म अलोक सिंह , जो बलिया के रहने वाले है उनकी देख रेख में बनी। उनके पहली फिल्म का नाम साजन चले ससुराल है। उनकी पहली फिल्म के डायरेक्टर प्रेमांशु जी थे और हीरोइन स्मृति सिन्हा थी । खेसारी जी बताते है की उनकी पहले फिल्म से पहले अच्छे से डांस करना भी नहीं आता था और न ही कोई फिल्म के बारे में उनको पत्ता था। फिल्म के सुरु में ४-५ दिन वो फाइट सीखे और उसके बाद उनके जीवन का फिल्म इंडस्ट्री में सिलसिला शुरू हुआ। और उसके बाद वो म्हाडा में रहने लगे अपने दोस्त के पास जिनका नाम था विकाश सिंह विरपन। वो अपने दोस्त के पास २-३ महीने रहे। शुरुआत से सभी चीजों के साथ साथ खेसारी जी ऑडियो गाना नहीं छोड़े जो आज भी उन्हें एक महान गायक बनाती है। वो बताते है की आज के दिन में भी वो २५।-३० गाना गाते है और साथ में लोकगीत भी गाते है ।
लगातार उनकी 3 सिनेमा सिल्वर जुबली हुई जो उनकी काफी बड़ी उपलब्धि आज भी है। जो काफी सिनेमा घरो में 50-50 स्पताह चलती थी। उसके बाद उन्होंने काफी अच्छी लेबल सिनेमा किये। वो बताते है की बहुत सारी संघर्ष को मन में रखते हुए और दिल में रखते हुए मेहनत की , तोई आज इस मुकाम पैर है । आज भी खेसारी लाल यादव जी की ईक्षा है की उनको ज्यादा से ज्यादा लोग जाने और उनके फिल्म और गाने को सुने।
खेसारी लाल यादव जी की दिल छू लेने वाली बातें
वो बताते है की जीवन में अगर हम संघर्ष नहीं किये तो फिर जीवन का कोई मतलब नहीं बनता। हम दौड़ के कुछ हासिल करते है तो लगता है की हम दौड़ें है। खुद को गिल्टी महसूस नहीं होता। आप जहाँ भी रहे , जिस एरिया में रहे उसमे बहुत बड़ा स्कोप है , बस आपको ध्यान देना है की आप मेहनत कहा कर रहे हो ये बहुत जरुरी होती है। आप जहा भी मेहनत करए ईमानदारी से करिये , आपको सफलता जरुरु मिलेगी। और वो अपने को इसका मिसाल मानते है क्यूंकि शुरू में उनके पास न तो गायकी थी न ही कोई चेहरा था , लेकिन उसके बावजूद भी मेहनत किये और और अपने औकात से जयादा मेहनत किये तो आज वो एक लोगो के बिच एक सुपर स्टार है।
पेशा | अभिनेता , गायक |
उम्र | 34 Years |
जन्म | 1986 |
पापा का नाम | मंगरु लाल यादव |
मम्मी का नाम | ? |
बीवी का नाम | चंदा देवी |
घर | रसूलपुर चट्टी, छपरा, बिहार |
पहली फिल्म | साजन चले ससुराल |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
बच्चे | कृति यादव
युगराज यादव ऋषभ यादव |
पसंदीदा खाना | खिचड़ी
लिट्टी चोखा |
अवार्ड | दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2017
दादा साहब फाल्के पुरस्कार 2020 यूपी रत्न अवॉर्ड 2017 बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड 2019 |