रक्षाबंधन का त्योहार कब ,क्यों और कैसे मनाया जाता है?

रक्षा बंधन की कहानी

चाहे श्री कृष्ण द्वारा द्रोपति को भरी सभा में चीरहरण से बचाना हो या हुमायूं द्वारा मेवार की रानी कर्मावती की रक्षा करके, उसके राष्ट्र को पुनः स्थापित करना हो। यह सब एक रेशम के धागे की नीव पर किया गया था।

इसी रेशम के धागे की नीव को आज के समय में रक्षाबंधन के त्त्योहार के स्वरूप में मनाते है।

जिसमें बहने अपने भाई की कलाई पर रेशम के धागे

(आज के समय में राखी) बांधकर रक्षा करने का वचन लेती है। वही भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है।

वैसे एक भाई अपनी बहन की रक्षा उम्र भर करता है। उसे किसी खास समय या दिन की जरूरत नहीं, बहने भी अपने भाइयों की ताउम्र देखभाल व प्यार करती है। परंतु हमारे यहां एक ऐसा त्योहार है जो इस बंधन को और भी ज्यादा अटूट बना देता है। और वह त्योहार है रक्षाबंधन। रक्षाबंधन त्योहार जो कि संपूर्ण भारतवर्ष में बड़े ही हर्ष व उल्लास के साथ बनाया जाता है, भारत ही नहीं अपितु अन्य देश जैसे नेपाल में भी रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

रक्षाबंधन भाई बहन का त्यौहार है। यह सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू तथा जैन धर्म के लोग रक्षाबंधन बड़े ही उत्सुकता के साथ मनाते हैं, परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य धर्म या जाति के लोग इस त्यौहार से वंचित रहते हैं। अन्य धर्म या जाति के लोग अपने  प्रेम व स्नेह के आधार पर इस त्यौहार को हर्ष के साथ मनाते हैं।

★इस दिन बहन स्नान कर पारंपरिक पोशाक पहनकर अपनी थाली सजाती है जिसे वह कुमकुम, चावल, राखी, मिठाई इत्यादि से सुशोभित करती है।

★भाई भी इस दिन सुबह स्नान कर राखी बंधवाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

★इसके तत्पश्चात बहन अपने भाई को पूर्व दिशा में बिठाकर उसकी दाहिनी कलाई पर राखी बांधती है। उनके माथे पर कुमकुम से तिलक पर चावल लगाकर तथा कुछ सिर के ऊपर से छिड़कर उसकी आरती उतारती है।

★उसे मिठाई खिलाती है।

★भाई राखी के मान का वचन देता है कि वह सदा ही अपनी बहन की रक्षा करेगा। उसकी हर मुश्किल में उसके साथ खड़ा रहेगा।

★साथ ही उसे उपहार भी देता है।

रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें डाक विभाग सेवा खूबसूरत लिफाफे बनाकर उसमें बहनों द्वारा बनाई गई राखियां को डालकर उनके भाइयों तक पहुंचा कर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं। विद्यालयों में भी रक्षाबंधन से 1 दिन पहले यह त्योहार मनाया जाता है जिसमें विद्यालय की बालिकाएं बालकों के लिए राखी लेकर आती है और उन्हें बांधती है, परंतु इसमें एक अपवाद है। बालक यह त्योहार नहीं मनाना चाहते, सच कहे तो उनकी मर्जी ही शामिल नहीं होती (यह एक हास्य अपवाद है परंतु सच है।) हमारी देश की सरकार भी इसमें अपनी भूमिका देने से वंचित नहीं है। वह भी इस त्यौहार वाले दिन महिलाओं को डीटीसी(DTC) में निशुल्क सफर करने की सुविधा देती है।

आज के आधुनिक युग का प्रभाव हमारे त्योहारों पर भी देखने को मिलता है। जिसमें विदेश में रह रहे भाई जिनकी बहने अभी भी भारत या किसी अन्य देश में रह रही है इकॉमर्स साइट द्वारा ऑनलाइन राखी खरीद कर उसे अपने भाई के पास भेजती है। तथा आधुनिक तरीके से एक दूसरे को देख कर इस त्योहार को सहर्ष मनाती हैं।

रक्षाबंधन का बदलता स्वरूप

आज के समय में यह सिर्फ भाई बहन के रिश्ते तक सीमित ना रह कर बल्कि और दूसरे रिश्तो में भी रक्षा का वचन देने और बंधन को मजबूत करने तक आ गया है। आज के समय में एक विद्यार्थी अपने गुरु को, बेटी अपने पिता को, और एक बहन अपनी दूसरी बहन को राखी बांधकर रक्षा करने का वचन देती है। यह बदलता स्वरूप हमारे सकारात्मक परिवर्तनशील आयाम को दिखाता है। और यह बदलता स्वरूप अच्छा तथा आदर्शवादी है।

2022 रक्षा बंधन कब है,जानें तारीख,राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

2022 रक्षा बंधन तारीख
Thursday, August 11, 2022

2022 रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
08:51 PM to 09:13 PM

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