ईद-उल-फितर महत्ता, उत्पत्ति,कुछ कथाएं,कैसे मनाया जाता है?

ईद-उल-फितर क्या है?

ईद-उल-फितर, इस्लाम धर्म में सबसे अधिक मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह तीन दिवसीय उत्सव पवित्र रमजान के महीने के अंत का प्रतीक है। रमजान एक ऐसा महीना है जब दुनिया भर के मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं। ईद-उल-फितर हमेशा शव्वाल, जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार दसवां महीना है, के पहले दिन में पड़ता है। चंद्रमा के दर्शन के अनुसार ही इस शुभ पर्व की तिथि निर्धारित की जाती है।

किसी भी चंद्र-संबंधी हिजरी महीने की शुरुआत अमावस्या के दिखने के अनुसार बदलती रहती है। ईद-उल-फितर शव्वाल महीने के पहले दिन का प्रतीक है, इसलिए इसे विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न दिनों में मनाया जाता है।

इस उत्सव के समय इस्लाम धर्म के अनुयायी सेवइयां और अन्य विभिन्न प्रकार की मिठाइयां बनाते हैं, इस वजह से ईद-उल-फितर को “मीठी ईद” भी कहा जाता है।

ईद-उल-फितर की महत्ता क्या है?

ईद-उल-फितर उपवास, प्रार्थना और सभी नकारात्मक कार्यों, विचारों और शब्दों से दूर रहने का एक सफल महीना होने के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह अल्लाह को सम्मान करने का एक तरीका है। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद को रमजान के महीने के दौरान कुरान प्रकट किया गया था। इसी कारण रमजान को एक पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने के दौरान लोग सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं। ईद-उल-फितर के द्वारा लोग न केवल उपवास के अंत का जश्न मनाते हैं बल्कि कुरान के लिए अल्लाह को धन्यवाद देते हैं। लोग अल्लाह को उस क्षमता और दृढ़ता के लिए शुक्रिया अदा करते हैं जो अल्लाह ने उन्हें पिछले महीने रोजा रखने के लिए प्रदान किया था।

ईद-उल-फितर की उत्पत्ति कैसे हुई?

जब पैगंबर मुहम्मद मक्का से मदीना गए थे, तब उन्होंने स्वयं ईद-उल-फितर की शुरुआत की थी। यहीं पर उन्होंने अपने शिष्यों को प्रार्थना के लिए और अल्लाह की मेहरबानियों को याद करने के लिए दो नए महत्वपूर्ण दिनों के बारे में बताया था – ईद-उल-फितर और ईद-अल-अधा। तभी से इस पर्व का आरम्भ हुआ। 

ईद-उल-फितर से जुड़ी कुछ कथाएं :

  • एक दिन, मुहम्मद ने एक सपना देखा जिसमें फ़रिश्ता जिब्रील उन्हें बताते हैं कि अल्लाह लोगों के लिए कैसी ज़िन्दगी चाहते हैं। अल्लाह के शब्दों को 23 वर्षों तक एक फ़रिश्ते के माध्यम से मुहम्मद तक पहुंचाया गया। इन्ही शब्दों से कुरान बना था। रमजान के महीने के दौरान अल्लाह ने मुहम्मद को कुरान से प्रत्यक्ष कराया था और इसी महीने के अंत के प्रतीक में ईद-उल-फितर मनाया जाता है।
  • एक अन्य किंवदंती के अनुसार, मुहम्मद ने लोगों को दो दिन उमंग और उल्लास के साथ मनाते देखा। उन्होंने मुसलमानों को अल्लाह द्वारा दिए गए दो अन्य दिनों का प्रस्ताव दिया। तब से इस पर्व का प्रारंभ हुआ।
  • इस्लामी मान्यता के अनुसार, यह उत्सव जंग-ए-बद्र के बाद शुरू हुआ, जिसमें पैगंबर मुहम्मद के नेतृत्व में मुसलमानों ने विजय प्राप्त की थी।

इस उत्सव को कैसे मनाया जाता है?

महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मस्जिदों में प्रार्थना करने और ईद-उल-फितर के भोजन के लिए पूरा परिवार एकत्र होता है। नमाज़ पूरी होने के बाद, लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और ‘ईद मुबारक’ की शुभकामनाएं देते हैं। वे अपने प्रियजनों की कब्रों पर भी जाते हैं। नमाज़ के बाद परिवार और दोस्त इकठ्ठा होकर मिठाइयां और कई तरह के भोजन का आनंद लेते हैं। दावतें आयोजित की जाती हैं और पुलाव, सालन, बिरयानी, हलीम, कबाब, कोफ्ते, सेवइयां, शीर कोरमा, शाही टुकड़ा, फिरनी जैसे कई स्वादिष्त पकवान बनाये जाते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं और दोस्तों एवं रिश्तेदारों को उपहार देते हैं। गरीबों को ज़कात या भिक्षा दी जाती है। बच्चों को भेंटस्वरूप ईदी (उपहार और पैसे) दी जाती है।

ईद-उल-फितर खुशी और उमंग का उत्साव है। भारत, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान के अलावा सऊदी अरब, यमन, मोरक्को, जर्मनी, फिलिस्तीन, अमेरिका, अफ्रीका, जैसे अनेक देशों के मुसलमान पुरे हर्ष और उत्साह  के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। हालाँकि, रमजान के अर्धचंद्र पर निर्भर होने के कारण अलग-अलग देशों में तारीखें अलग-अलग हो सकती हैं।

 

ईद उल-फितर आगामी 2023

ईद 2023: 22 अप्रैल

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