अल्पसंख्यक क्या है? | किसे माना जाता है भारत में अल्पसंख्यक

अल्पसंख्यक:- जिस भी भाषा, जनसंख्या, महिलाएं धर्म आदि की संख्या जिसमें 100% में से जिस की संख्या 50% से कम हो उसे अल्पसंख्यक कहते हैं।

हर राज्य में उसकी जनसंख्या अधिक होती है जो राज्य की भाषा होती है जो राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक है, जिसका आधार संस्कृति,भाषा, धर्म, लिंग आदि है।

“इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार”:– “अल्पसंख्यक व समूह है जो आम या सामान्य वंश भाषा या किसी धार्मिक विश्वास के साथ जुड़ा हुआ है खुद को किसी राजनीतिक इकाई के निवासियों से अलग महसूस करता हैl ”

लुइस विर्थ के शब्दों में :- “शारीरिक या सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण ऐसे लोगों का समूह जिन्हें समाज अन्य लोगों से अलग किया जाता है और जो खुद को सामुहिक भेदभाव की वस्तु मानते हैंं।”
“लुइस विर्थ ने अल्पसंख्यक की समस्याओं को बताना प्रारंभ किया।”

अल्पसंख्यक की विशेषताएं:-

सेपोनु लेटर ने कुछ विशेषताएं बताएं हैं जो इस प्रकार से है_
(1)_ किसी राज्य की शेष जनसंख्या की तुलना में छोटा समूह _ अल्पसंख्यक व समूह होता है जो किसी राज्य के उसके अधिक समूह जिसके संख्या 50% अधिक होता है जिनकी तुलना में कुछ जातियों की समूह कम होना जिनकी संख्या 50% से कम होता है वह अल्पसंख्यक होते हैं |

(2)_ जिसके सदस्य उस राज्य के नागरिक हैं_किसी राज्य में उसके कुछ सदस्य एवं वहां रहने वाले नागरिक की तुलना में जो लोग या जिनकी संख्या कम होती है वह अल्पसंख्यक माने जाते हैं, जो राज्य के नागरिकों की तुलना में अपने आप कोजो राज्य के नागरिकों की तुलना में अपने आप मे असुरक्षा की भावना महसूस करते हैं।

(3)_ “जिनकी जातियां, भाषाएं और संस्कृति विशेषताएं बाकी की आबादी से अलग है वह भी अल्पसंख्यक के क्षेत्र में आते हैं।”

(4)जिनकेे सदस्य अपने मूल विशेषताओं की सुरक्षा करने की इच्छा उसे निर्देशित रहते हैं”जिन लोगों की संख्या कम होती है या अपने मूल्य संस्कृतियों से अलग होते हैं वह भी अल्पसंख्यक के श्रेणी में आते हैं।”

मैरोन हर्ष ने भी कुछ विशेषताएं अपनी पुस्तक में बताई है_
(1)_ अल्पसंख्यक जटिल राज्य के अधीनस्थ हिस्से हैं:- अल्पसंख्यक मुख्य समाज के कुछ हिस्से या एक भाग के रूप में होते हैं।जिनकी संख्या पूरे राज्य की एक हिस्सा है,जिनका अपनी संस्कृति,क्षेत्र, भाषा, धर्म एवं विशेषताएं होती हैं।जो अपने आप को ऑन्य समाज से भिन्न एवं अलग मानते हैं। एवं उनके अंदर असुरक्षा की भावना भी पैदा होती है।

(2)अर्थसंख्यकों में विशिष्ट संस्कृति या लक्षण होते हैं जो समाज के प्रमुख द्वारा प्राप्त करते हैं_अल्पसंख्यकों में विशेष संस्कृति होने के कारण ही यह अन्य समाज से अलग होते हैं, एवं इन्हें सरकार के द्वारा भी कुछ विशेष प्रावधान प्राप्त होते हैं।

(3)_ वंश प्रणाली के नियमों के आधार पर_ वंश प्रणाली के नियमों के आधार पर अल्पसंख्यक की सदस्यता ह्स्तनांतरित होती है, जो की पीढ़ी दर पीढ़ी होती रहती है। एवं इसी आधार पर अल्पसंख्यक चलता रहता है।
इस प्रकार से अलग-अलग लोगों ने अपनी _अपनी विशेषता प्रदान की है।

2001की जनगणना के अनुसार इस सारणी में हिंदू की जनसंख्या धार्मिक क्षेत्र में अधिकतम 80.46% धार्मिक क्षेत्रों में है।

उपायुक्त सारणी के अनुसार यह देखा जा सकता है कि केवल हिंदू को छोड़कर जितने भी धर्म है, अल्पसंख्यक है। परंतु राज्य के अनुसार हिंदू भी अल्पसंख्यक श्रेणी में आ जाते हैं।
¶जैसे:- ब में सिख की तुलना में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
¶कश्मीर में भी हिंदू उसकी राज्यों की भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक की।श्रेदी में आते हैं ।
¶इसी तरह से पूर्वी राज्य में इसाई अधिक हैं और हिंदू एवं मुस्लिम अल्पसंख्यकयक हैं।

धार्मिक अल्पसंख्यक की सुरक्षा हेतु- संविधान में कुछ निर्देश बनाए गए हैं-: अनुच्छेद 25 एवं 26 के कुछ निर्देश के साथ दिए गए हैं।

धर्मनिरपेक्ष करण का अर्थ:-इसका अर्थ धर्म में राज्य का कोई धर्म नहीं होता है।
भारत में जो भी धर्मनिरपेक्ष की बात होती हैं,यह अनुच्छेद 25 एवं 26 में ही कहीं गई है।

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